जनता की गाढ़ी कमाई से मिलने वाले टैक्स के पैसा का इस्तेमाल कैसे वीवीआईपी ट्रीटमेंट और फिजूलखर्ची में किया जा सकता है इसकी एक बानगी असम में देखने में मिली है। असम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के दौरे के दौरान टाइगर रिजर्व फंड का पैसा आवभगत और उपहार देने में खर्च कर दिया गया। यह पूरा खुलासा पूर्व राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर लगाई गई एक आरटीआई के जरिए हुआ है।
असम के आरटीआई कार्यकर्ता रोहित चौधरी ने एक आरटीआई के जरिए यह जाना था कि बतौर राष्ट्रपति असम के दौरे पर आए रामनाथ कोविंद की यात्रा पर कितना खर्चा हुआ। आरटीआई का जवाब देते हुए काजीरंगा फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि राष्ट्रपति के नेशनल पार्क के दौरे के दौरान 1.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए। खर्च की गई राशि में मेहमानों का नाश्ते, खाना, ठहरने के व्यवस्थान और उनको दिए जाने वाले स्मृति चिन्ह का खर्चा भी शामिल है। इसके अलावा खर्च की राशि में कन्वेंशन हॉल की रिनोवेशन और अन्य खर्च भी शामिल है।
आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति के नेशनल पार्क के दौरे के दौरान एक दिन में चाय पर 50 हजार रुपए खर्च किए गए। वहीं राष्ट्रपति के खाने पर करीब ढाई लाख रुपए खर्च किए गए। वहीं राष्ट्रपति को 6 लाख से अधिक कीमत का मेमेंटो दिया गया। आरटीआई में बताया गया कि असम बाघ संरक्षण नियम 2010 के नियम 25 (बी) (2) के प्रावधान के मुताबिक कारीरंगा बाघ संरक्षण फाउंडेश की निधि से एक करोड़ 12 लाख 60 हजार से अधिक की राशि राष्ट्रपति की पार्क की यात्रा संबंधी व्यवस्था करने के लिए स्वीकृत की गई थी।
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद फरवरी 2022 में तीन दिन के दौरे पर गए थे। राष्ट्रपति अपने दौरे के दौरान दो रातें काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भी गुजारी थी। राष्ट्रपति की खातिरदारी में नियमों को ताक पर रखकर पैसे खर्च किए गए थे। वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद अब असम सरकार पूरे मामले की जांच की बात कह रही है।