जानकारी के मुताबिक ट्रेन-18 नामक यह ट्रेन शताब्दी का स्थान लेगी। शताब्दी 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ती है, जबकि यह 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। चूंकि यह ट्रेन 2018 में बनी है, इसलिए इसे ट्रेन 18 नाम दिया गया है। इंजन के स्थान पर इसके कोच में पॉवर कार लगा होगा।
यह ट्रेन 29 अक्टूबर से पटरी पर ट्रायल के लिए उतरेगी। इसे चेन्नई के इंटिग्रल कोच फैक्ट्री ने तैयार किया है। बाकी ट्रेनों की तरह इसमें डब्बे भी नहीं बदले जाते। इस ट्रेन की पूरी बॉडी खास एल्यूमिनियम की बनी है। हल्की होने के कारण इसे तुरंत ब्रेक लगाकर रोकना आसान है साथ ही तुरंत ही तेज गति भी दी जा सकती है। इसकी प्रतिकृति बनाने में 100 करोड़ रुपए की लागत आई है।