नुसरत ने कहा कि चूंकि यह तुर्की विवाह नियमन के अनुसार विदेशी भूमि पर एक अंतर्धार्मिक विवाह था, इसलिए यह भारत में विशेष विवाह अधिनियम के तहत अमान्य था। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार यह शादी नहीं है, बल्कि एक रिश्ता या लिव-इन रिलेशनशिप है। ऐसे में तलाक का सवाल ही नहीं उठता।