नई दिल्ली। प्रेस की स्वतंत्रता पर अपनी रिपोर्ट के देशों वाले अध्याय में यूनेस्को ने ‘भारत+कश्मीर’ लिखा है जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वैश्विक संस्था कश्मीर का पृथक अस्तित्व मानती है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यूनेस्को-इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (आईएफजे) की रिपोर्ट यहां यूनेस्को कार्यालय में जारी की गई।
रिपोर्ट जारी होने के बाद प्रश्नोत्तर सत्र में एक सवाल पूछा गया कि इसमें कश्मीर को भारत के साथ विशेष रूप से क्यों लिखा गया है, क्या वह कश्मीर का पृथक अस्तित्व मानते हैं? आईएफजे के दक्षिण एशिया समन्वयक उज्ज्वल आचार्य ने हालांकि कहा कि इस मुद्दे का किसी ‘खास राजनीतिक हित’से कोई लेना- देना नहीं है और कश्मीर को इस रूप में इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि उसे दक्षिण एशिया के अस्थिर क्षेत्र में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की रिपोर्ट में 5-6 संघर्ष जोन थे, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में अस्थिर थे और इस वर्ष कश्मीर पर खास ध्यान है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हमने छत्तीसगढ़, काबुल, श्रीलंका, पाकिस्तान और नेपाल के कुछ हिस्सों को शामिल किया था। उन्होंने कहा कि विरोध दर्ज कर लिया गया है और उसे संबंधित लोगों तक पहुंच दिया जाएगा।