बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हम उन्हें (फंसे हुए मजदूर) तनाव दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं। अभियान में देरी हो रही है और ऐसा लगता है कि कुछ समय और लगेगा।
गोंडवाल ने कहा कि उन्होंने हमें बताया कि वे चोर-पुलिस खेलते हैं, तनाव दूर करने के लिए रोजाना योग और व्यायाम करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी 41 श्रमिक ठीक हैं लेकिन उन्हें स्वस्थ और मानसिक रूप से ठीक रहने की जरूरत है।
इन श्रमिकों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा कि उनका मनोबल ऊंचा रहना चाहिए और उन्हें आशावान रखना चाहिए। चिकित्सकों की एक टीम प्रतिदिन श्रमिकों से नियमित रूप से सुबह कम से कम 30 मिनट और शाम के वक्त इतनी ही देर तक बात करते हैं और उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी लेती है।