उल्लेखनीय है कि इन याचिकाकर्ताओं ने ही पहले एक अन्य याचिका में मंदिर परिसर के अंदर 'श्रृंगार गौरी स्थल' पर प्रार्थना करने की अनुमति मांगी थी। मस्जिद परिसर में एक संरचना मिली थी, जिसे हिन्दू पक्ष के लोगों ने शिवलिंग बताया तो वहीं दूसरे पक्ष ने फव्वारा होने का दावा किया था।