अदालत ने कहा, विजय माल्या इस अदालत के समक्ष 30 दिनों के अंदर पेश नहीं हुए और उनकी तरफ से कोई आवेदन भी नहीं दिया गया, ऐसे में उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाता है। अदालत ने पिछले साल 12 अप्रैल को शराब कारोबारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था जिस पर अमल के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई थी।
माल्या के खिलाफ चार नवंबर 2016 को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अदालत ने कहा था कि उसकी लौटने की कोई मंशा नहीं है और देश के कानून के प्रति लेश मात्र भी सम्मान नहीं है। अदालत ने कहा था कि माल्या के खिलाफ प्रतिरोधी प्रक्रियाएं अपनाई जानी चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं और वह उन मामलों में पेशी से बच रहे हैं।