माल्या ने भारत की ब्रिटिश सरकार के समक्ष उसके प्रत्यर्पण के अनुरोध को स्थानीय अदालत में यह कहते हुए चुनौती दी है कि भारत में जेलों की हालत स्थापित मानकों की तुलना में काफी बदतर है इसलिए उसका प्रत्यर्पण नहीं किया जाए। इसके जवाब में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटश अधिकारियों को बताया कि भारतीय जेलों की बैरकें यूरोपीय जेलों से बड़ी हैं और सभी जेलों में अस्पताल सहित सभी पुख्ता चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद हैं।
इस बीच गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को भी आर्थर रोड जेल में कैदियों को दी जाने वाली सुविधाएं बेहतर करने को पहले ही कह दिया है। समझा जाता है कि ब्रिटेन से प्रत्यर्पण होने पर माल्या को इसी जेल में रखा जाएगा। भारत में बैंकों से 9000 करोड़ रुपए के कर्ज की अदायगी नहीं करने के आरोप में माल्या को भारतीय अदालत से भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। वह भारत से मार्च 2016 में चोरी-छुपे भागकर ब्रिटेन में जा छुपा है। (भाषा)