नई दिल्ली। विस्तारा-एयर इंडिया के प्रस्तावित विलय सौदे का सिंगापुर एयरलाइंस ग्रुप (एसआईए) पर वित्तीय बोझ न्यूनतम रहेगा। सिंगापुर एयरलाइंस विस्तारित एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने जा रही है। कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। टाटा समूह और एसआईए ने मंगलवार को विस्तारा के एयर इंडिया के साथ विलय की घोषणा की थी।
एसआईए ने लगभग 50 साल पहले भारत में सेवाएं शुरू की थीं। उसे जल्द ऐसी एयरलाइन में हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है, जो विलय के बाद उसकी तुलना में 4 से 5 गुना बड़ी होगी। नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद यह सौदा 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। टाटा समूह और एसआईए ने मंगलवार को विस्तारा के एयर इंडिया के साथ विलय की घोषणा की थी।
विलय के लिए एसआईए समूह का वित्तीय बोझ विस्तारा में उसकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के कुल मूल्य के बराबर होगा। यह करीब 2,058.5 करोड़ रुपए नकद बैठेगा। वर्तमान में विस्तारा में एसआईए की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है और बाकी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह के पास है। विलय सौदे के बाद, एसआईए की एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
सूचना में कहा गया है कि प्रस्तावित विलय के तहत यह देखते हुए कि एसआईए विस्तारित एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने जा रही है। उस पर वित्तीय बोझ काफी कम रहेगा। सौदे के बारे में भेजी सूचना में एसआईए ने कहा कि इस विलय से समूह को मजबूत समर्थन और वित्तीय स्थिति वाले मंच पर न्यूनतम वित्तीय खर्च से बड़ा अवसर मिलेगा। एसआईए का इरादा एयर इंडिया में निवेश का पूरा वित्तपोषण अपने आंतरिक संसाधनों से करने का है।(भाषा)