बच्चों को स्कूल-कोचिंग नहीं जाने के निर्देश जारी
बेंगलुरु के साथ ही हेदराबाद में भी पानी का संकट शुरू
नीति आयोग की रिपोर्ट: देश के 20 शहरों में गहराएगा पानी का संकट
water crisis in benguluru : छोटे मोटे कस्बों में पानी का संकट तो आम बात है, लेकिन बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में पीने के पानी की भयानक किल्लत हो गई है। हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि स्कूल और कोचिंग सेंटर ने आपातकाल घोषित करते हुए, बच्चों को स्कूल आने के बजाए घर से ही क्लास लेने को कहा है।
स्थिति यह है कि कई जगहों पर लोगों को पैसे देकर पानी खरीदना पड़ रहा है। यह तो सिर्फ बेंगलुरु के हालात है, नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट बताती है कि भारत के 20 शहरों में भारी जल संकट हो सकता है। बेंगलुरु के अलावा तेलंगाना के सीएम ने भी राज्य में जल संकट के संकेत दिए हैं।
एक हफ्ते के लिए आपातकाल : बता दें कि बेंगलुरु में हालत इतने खराब हो चुके हैं कि कोचिंग सेंटर्स और स्कूलों ने बच्चों को स्कूल आने के बजाए, घर से ही क्लास लेने की सलाह दी है। संस्थानों ने एक हफ्ते के लिए आपातकाल की घोषणा करते हुए ये निर्णय लिया कि बच्चे घर से ही क्लास लें क्योंकि स्कूल में पानी ही नहीं है। बेंगलुरु के विजयनगर में स्थित एक कोचिंग सेंटर ने बच्चों से ऑनलाइन ही क्लास लेने को कहा है। इसी तरह, बैनरघट्टा रोड पर स्थित एक स्कूल ने भी ऐसा ही निर्णय लिया है। आपातकाल की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि कर्नाटक में जल संकट गहराता जा रहा है।
झील के पास का बोरवेल सूखा : बता दें कि उप-मुख्यमंत्री का घर सांके झील के पास होने के बावजूद उनके घर का बोरवेल सूख गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल संकट की समस्या कितनी विकट होती जा रही है। कई शहरों में, टैंकरों के जरिए लोगों को पानी पहुंचाया जा रहा है।
CM डिप्टी CM के घर भी नहीं पानी: मौसम विभाग ने पानी की किल्लत की चेतावनी पहले भी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सरकारी आवास पर भी पानी की किल्लत है। यहां तक की डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार के घर का बोरवेल सूख गया है, जिसके कारण उनके घर पर भी पानी की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।
1800 रुपए प्रति टैंक हुआ पानी : कर्नाटक के कई शहरों में पानी की कीमतों में भारी उछाल आया है। पानी की सप्लाई की कीमत जो पहले 700 से 800 रुपए प्रति टैंक थी, वह अब 1500 से 1800 रुपए तक पहुंच गई हैं। कई बड़ी और वीआईपी सोसाइटी में भी लोग पानी के संकट को झेल रहे हैं। जल संकट को पूरा करने के लिए सरकार, जिन टैंकों से दूध की सप्लाई की जाती है उनका इस्तेमाल अब पानी सप्लाई करने के लिए कर रही है।
123 तालुख सूख गए : लोगों के कहना है कि उनके घर में, एक महीने में पानी का बिल कमोबेश 10 हजार तक आ रहा है। खबरों के मुताबिक, उप-मुख्यमंत्री ने शहर की पानी की किल्लत दूर करने के लिए प्राइवेट टैंकर और बोरवेल से पानी सप्लाई कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कर्नाटक के 136 तालुख में से 123 तालुख लगभग सूख चुके हैं। गर्मी की मार इस संकट को और बढ़ा सकता है। BWSSB (बैंगलोर वॉटर सप्लाई और सीवर बोर्ड) ने कहा कि पानी की डिमांड, मांग के अनुसार पूरी नहीं की जा पा रही है।
क्या कहती है नीति आयोग की रिपोर्ट : 20 शहरों में होगा जल संकट – नीति आयोग
नीति आयोग की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि साल 2030 तक भारत के तरीबन 20 शहरों में भारी जल संकट देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट में जिन शहरों का नाम शामिल है इसमें- दिल्ली, बेंगलुरु, गुजरात का गांधीनगर, गुरुग्राम, इंदौर, अमृतसर, लुधियाना, हैदराबाद, चेन्नई, गाजियाबाद जैसे और भी शहरों का नाम शामिल है। Edited by Navin Rangiyal