दिल्ली में रविवार को भी उमसभरी गर्मी का दौर जारी रहा। गर्मी में दिनभर लोग परेशान होते देखे गए। आज फिर मौसम बदलेगा, आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। जून का महीना गुजरने वाला है और मानसून की चाल धीमी बनी हुई है। उत्तराखंड के चंपावत और नैनीताल में अगले 48 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बीते कई दिनों से दिल्लीवालों को भयंकर गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। उमस भी अपने अधिकतम स्तर पर है। दिल्ली में मानसून पहुंचने में हफ्तेभर का समय लग सकता है। जबकि कर्नाटक के हुबली में भी जमकर बारिश हुई, जिसके बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है। उधर पूर्वोतर भारत में असम के तामुलपुर में भारी बारिश से लोग परेशान हो गए हैं।
इस साल देश के मौसम संबंधी 84 फीसद उपखंडों में कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के डाटा के मुताबिक देश के प्रमुख 91 जलाशयों में से 80 फीसदी में सामान्य से भी कम पानी है। देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, मराठवाड़ा और विदर्भ के अधिकतर हिस्सों में मानसून आगे बढ़ा है। मानसून को अब तक मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, समूचे पूर्वी व मध्य उत्तर प्रदेश, झारखंड तक पहुंच जाना चाहिए था। ओडिशा और लक्षद्वीप उपखंडों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। जम्मू-कश्मीर और पूर्वी राजस्थान में 'ज्यादा' बारिश दर्ज की गई है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बहुत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।
हालांकि चक्रवात 'वायु' ने जरूर बारिश की कमी से कुछ राहत दिलाई है। लगभग हर राज्य में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। अब तक उत्तर प्रदेश में 54.2 मिमी बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक केवल 19.7 मिमी पानी बरसा है यानी सामान्य से 64 फीसदी कम। इसी तरह दिल्ली में 83 फीसदी कम बारिश हुई है। यहां 36.1 की जगह केवल 6.3 मिमी ही पानी बरसा है।