मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 से 6 अक्टूबर के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान सहित 9 राज्यों में सामान्य से बहुत अधिक, उत्तर प्रदेश सहित 3 राज्यों में सामान्य से अधिक तथा हरियाणा में सामान्य बारिश हुई।
उल्लेखनीय है कि उत्तर और मध्य क्षेत्र के एराज्य जून से सितंबर के दौरान सामान्य या सामान्य से कम बारिश के दायरे में थे। पिछले सप्ताह दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश की कमी दर्ज किए जाने के बाद विभाग ने अगले सप्ताह दक्षिण पश्चिम मानसून की संभावित वापसी शुरु होने से पहले 10 अक्टूबर तक दक्षिण और पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
विभाग ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की सामान्य बारिश का स्तर 22.5 मिमी रहने का अनुमान व्यक्त किया था, लेकिन पूरे देश में इस अवधि में 22.1 मिमी (अनुमानित सामान्य स्तर से 2 प्रतिशत कम) बारिश हुई। इस दौरान 11 राज्यों में सामान्य से कम और आठ राज्यों में सामान्य से बहुत कम बरिश हुई। बारिश की कमी वाले राज्यों में दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं।
विभाग ने अगले सप्ताह के लिए जारी पूर्वानुमान के तहत 10 अक्टूबर तक मध्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, कर्नाटक, केरल, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जबकि छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना के कुछ इलाकों में च्रकवाती हवाओं के साथ बारिश की आशंका व्यक्त की है।
मौसम संबंधी मानकों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून की हर साल वापसी पश्चिमी राजस्थान से शुरु होती है। इसके लिएकम से कम पांच दिन तक बारिश नहीं होना अनिवार्य शर्त है। इसके मुताबिक अगले 5 दिनों तक उत्तरी क्षेत्र में बारिश नहीं होने पर मौसम विभाग 10 अक्टूबर के बाद मानसून की वापसी शुरु होने की आधिकारिक घोषणा कर सकेगा।
आधिकारिक तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून केरल तट से दस्तक देने के बाद भारत में एक जून से 31 अगस्त तक सक्रिय रहता है। इसकी वापसी एक सितंबर से पश्चिमी राजस्थान से शुरु होती है और 30 सितंबर तक इसकी पूरे देश से वापसी हो जाती है। पिछले साल भी विलंबित रहने के कारण मानसून की वापसी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से शुरु हुई थी।