नई दिल्ली। उत्तर भारत में पंजाब के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल में भारी बारिश की उम्मीद है। बिहार में अब तक राज्य के करीब 50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य पूरे जोरशोर से चल रहा है। वहीं असम के ज्यादातर जिलों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घटने लगा है, बाढ़ के हालात में सुधार है, मगर अब भी 11 लाख लोग प्रभावित हैं।
वहीं उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गौतम बुद्धनगर, अमेठी, रायबरेली, प्रतापगढ़ जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में तीन अगस्त से भारी बारिश की संभावना है। महाराष्ट्र में नासिक से लेकर पुणे तक कई हिस्सों में अच्छी वर्षा की संभावना है।
मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक केरल के 10 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। उन्होंने यलो अलर्ट जारी किया है। केरल के तटीय भागों में अगले दो दिन अति भारी वर्षा के आसार बने हुए हैं। झारखंड में चार अगस्त से भारी बारिश का दौर चालू होने की संभावना है। दक्षिण भारत के पश्चिमी तटों और मध्य भारत के कई हिस्सों में मानसून के सक्रिय रहने की संभावना है।
असम के ज्यादातर जिलों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे घटने लगा है। बाढ़ के हालात में सुधार है, मगर अब भी 11 लाख लोग प्रभावित हैं। 33 जिलों में से 20 जिलों के 11 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें 8.30 लाख लोग राज्य के छह पश्चिमी जिलों- गोलपाड़ा, मोरीगांव, बोंगईगांव, बारपेटा, गोलाघाट, धुबरी और पूर्वी लखीमपुर के हैं। मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पिछले नौ दिनों से मानसूनी बारिश नहीं हुई है। इस कारण बाढ़ की स्थिति में सुधार आना तय है। प्रभावित जिलों के 75,711 हेक्टेयर खेतों में लगी फसलें अब भी डूबी हुई हैं।
बिहार में बाढ़ से शनिवार को 2 और लोगों की मौत होने के साथ राज्य में इस आपदा से जान गंवाने वालों की संख्या 13 हो गई है। वहीं उत्तरी बिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर गया है। अब तक राज्य के करीब 50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्य पूरे जोरशोर से चल रहा है।