दो महीने में देशभर में बंपर 48 लाख शादियां, 6 लाख करोड़ खर्च, इकोनॉमी होगी बूस्ट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 4 नवंबर 2024 (11:14 IST)
  • इस वेडिंग सीजन में देश में 48 लाख शादियां होंगी
  • शादियों में हो सकता है 6 लाख करोड़ रुपए का कारोबार
  • राजधानी दिल्ली में 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपए कारोबार की संभावना
दिवाली का उत्सव खत्म होने के तुरंत बाद अब शादियों का सीजन आने वाला है। 12 नवंबर से देशभर में शादियों की शहनाई बजेंगी। शादियों का यह सीजन देश की अर्थव्यवस्था और कारोबारियों दोनों के लिए ही अच्छा बताया जा रहा है। धनतेरस से लेकर दिवाली तक देश में 4.25 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है। वहीं अब फेस्टिव सीजन के बाद 12 नवंबर से शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। अनुमान के मुताबिक, शादियों का ये सीजन 2 महीने तक चलेगा और इससे इकोनॉमी को भी बूस्ट मिलेगा।

देश में 48 लाख शादियां : कैट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वेडिंग सीजन में देश में 48 लाख शादियां होंगी। इन शादियों से 6 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद जताई जा रही है। सिर्फ राजधानी दिल्ली की तो दिल्ली में अकेले 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने की संभावना है। व्यापारियों के मुताबिक शादी की शॉपिंग लोगों ने दिवाली से पहले शुरू कर दी थी जो अभी भी चल रही है।

दिवाली पर वैरायटी और डिस्काउंट का लोग जमकर फायदा उठाते हैं, ऐसे में वेडिंग सीजन के लिए शॉपिंग लोगों ने फेस्टिव सीजन के ऑफर्स से ही करनी शुरू कर दी थी। कैट ने 75 शहरों में व्यापारिक संगठनों के साथ बातचीत कर सर्वे किया है। पिछले साल वेडिंग सीजन में 35 लाख शादियों से 4.25 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था, जिसकी अब इस सीजन में बढ़ने की उम्मीद है। इस साल 12 नवंबर से 16 दिसंबर तक बंपर शादियों के मुहूर्त हैं।

कब है शादियों के मुहूर्त : नवंबर में शुरू होने वाले वेडिंग सीजन की शुरुआत 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, 29 की तारीख और 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, 16 दिसंबर तक चलेगी। 2 महीने में कुल 18 दिन शादी विवाह के मुहूर्त हैं। 17 दिसंबर से लगभग एक महीने का शादियों पर विराम होगा। शादियों का दौर अगले साल जनवरी से शुरू होगा। जनवरी के मध्य से मार्च 2025 तक शादियां ही शादियां होंगी।

बदला है शॉपिंग ट्रेंड : कैट प्रमुख प्रवीण खंडेलवाल की सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक खरीदारों ने इस बार अपना शॉपिंग ट्रेंड बदला है। अब लोग मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स को विदेशी सामानों के मुकाबले ज़्यादा खरीद रहे हैं। दिवाली पर लोगों की जमकर खरीदारी से देश की इकोनॉमी को भी जबरदस्त बूस्ट मिला है। अब कारोबारियों की निगाहें शादियों के सीजन पर टिकी हैं। 
Edited By: Navin Rangiyal

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