बिहार में मृत मतदाता का मसला चर्चा के साथ के साथ विवाद में भी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है। यह तस्वीर भी अब जमकर वायरल हो रही है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए लिखा, "जीवन में कई दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन 'मृत लोगों' के साथ चाय पीने का मौका कभी नहीं मिला। इस अनोखे अनुभव के लिए, चुनाव आयोग का धन्यवाद!"
जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं,
लेकिन कभी 'मृत लोगों' के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था।
दरअसल, बिहार की मतदाता सूची से हटाए गए मृत घोषित मतदाताओं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुलाकात की और चाय पी। इसके बाद चुनाव आयोग और वोटिंग अधिकारों पर चल रहे विवाद को एक नया मोड़ दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सुनवाई के बीच, बुधवार को राहुल गांधी ने उन सात मतदाताओं से मुलाकात की, जिन्हें चुनाव आयोग ने 'मृत' घोषित कर दिया था, लेकिन वे सभी जीवित हैं।
आकस्मिक तरीका : दिलचस्प है कि यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब सुप्रीम कोर्ट में बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को नागरिकों को उनके मताधिकार से वंचित करने का "आकस्मिक तरीका" बताया है, और इसे चुनाव आयोग की शक्तियों और एक आम नागरिक के वोट देने के अधिकार के बीच की लड़ाई करार दिया है।
मृत लोगों के साथ राहुल ने चाय : बुधवार को अपने आवास पर राहुल गांधी ने राघोपुर, बिहार के इन सात मतदाताओं के साथ चाय पर चर्चा की। ये सभी मतदाता तेजस्वी यादव के निर्वाचन क्षेत्र से हैं। इन मतदाताओं ने राहुल गांधी को बताया कि वे अपने मताधिकार को वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।
क्या कहा राहुल गांधी ने : इस अनोखी मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए लिखा, "जीवन में कई दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन 'मृत लोगों' के साथ चाय पीने का मौका कभी नहीं मिला। इस अनोखे अनुभव के लिए, चुनाव आयोग का धन्यवाद!" उन्होंने इस मुलाकात का एक वीडियो भी साझा किया, जो तेजी से वायरल हो रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को गंभीर राजनीतिक रंग देते हुए एक बयान जारी किया है। पार्टी ने कहा, "यह सिर्फ लिपिकीय त्रुटि नहीं है, बल्कि यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक मताधिकार से वंचित करना है।" कांग्रेस ने आगे आरोप लगाया, "जब जीवित लोगों को मृत बताकर हटा दिया जाता है, तो लोकतंत्र को ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।"
इस घटना ने बिहार चुनाव और मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चल रहे विवाद को और गहरा कर दिया है। जहां सुप्रीम कोर्ट इस मामले की कानूनी वैधता की जांच कर रहा है, वहीं राहुल गांधी की यह प्रतीकात्मक मुलाकात ने इसे एक मजबूत राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। विपक्षी दल इस मामले को लोकतंत्र के खिलाफ साजिश के तौर पर पेश कर रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गरमा सकता है।
Edited By: Navin Rangiyal