अस्पताल में कैसे मिलेगा लाभ
मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे। इसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिए हो सकेगा। इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा सकेगा। निजी अस्पतालों को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। इसका यह लाभ भी मिलेगा कि सरकारी अस्पतालों में अब भीड़ कम होगी। सरकार इस योजना के तहत देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोलेगी जोकि आवश्यक दवाएं और जांच सेवाएं निःशुल्क मुहैया जाएंगे।
बिना आधार के मिल पाएगा लाभ
आयुष्मान भारत योजना के लिए आपको आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार किसी भी सरकारी स्कीम का लाभ उठाने के लिए आपको आधार कार्ड की जरूरत नहीं है।
कौनसी बीमारी का इलाज करवा सकेंगे
इस योजना के तहत मैटरनल हेल्थ और डिलीवरी की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा, कॉन्ट्रासेप्टिव सुविधा और संक्रामक, गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अलग से यूनिट होगी। बुजुर्गों का इलाज भी करवाया जा सकेगा।
किन राज्यों में कितने सेंटर
इसके दो कंपोनेंट हैं- पहला 10.74 लाख परिवारों को मुफ्त 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा। दूसरा हेल्थ वेलनेस सेंटर। इसमें देशभर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपडेट होंगे। इन सेंटर्स पर इलाज के साथ मुफ्त दवाइयां भी मिलेंगी। छत्तीसगढ़ में 1000, गुजरात में 1185, राजस्थान में 505, झारखंड में 646, मध्यप्रदेश में 700, महाराष्ट्र में 1450, पंजाब में 800, बिहार में 643, हरियाणा में 255।