Chardham Yatra 2024: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अब समाप्ति की ओर है। आज दोपहर 12.14 बजे गंगोत्री के कपाट बंद हो जाएंगे। शुक्रवार को दीपोत्सव के साथ मां भगवती गंगा के गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ शीतकालीन पड़ाव मुखबा लाया जाएगा। शीतकाल में यहां गंगा मंदिर में ही मां गंगा के दर्शन होंगे। मंदिर को 6 माह बाद एक बार फिर दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा।
केदारनाथ धाम में दीपावली के साथ ही भैयादूज पर रविवार को कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर को 10 कुंटल से अधिक फूलों से सजाया गया है। रविवार को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मंदिर के कपाट बंद हो रहे है।
यमोनोत्री के कपाट रविवार को 12.05 मिनट पर बंद होंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव लाई जाएगी। शीतकाल में इसी स्थान पर यमुना जी की उत्सव मूर्ति के दर्शन होंगे।
17 नवंबर को बद्रीनाथ के कपाट बंद होंगे। बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा संपन्न हो जाएगी। मई 2025 में एक बार फिर चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी।
क्यों बंद होते हैं कपाट : बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट सर्दियों के मौसम में बर्फबारी की वजह से बंद कर दिए जाते हैं। यहां छह माह कड़ाके की ठंड रहती है और पहाड़ों पर चारों ओर बर्फ की मोटी चादर बिछ जाती है। यहां जाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय बर्फबारी के बाद होता है, जो मई से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है।
हिंदू परंपरा और हिंदू कैलेंडर और खगोलीय संरेखण को ध्यान में रखते हुए, बद्रीनाथ के कपाट बंद करने की निश्चित तिथि और समय तय किया जाता है। इसके बाद ही विशेष धार्मिक प्रक्रिया के बाद कपाट बंद कर दिए जाते हैं।