कभी दिल्‍ली तो कभी नेपाल बॉर्डर, आखिर कहां से मिली मिसिंग अर्चना तिवारी, कौन है साथ में पकड़ाया लड़का?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 20 अगस्त 2025 (12:32 IST)
इंदौर ट्रेन से गायब अर्चना तिवारी 12 दिनों बाद मिल गई है। भोपाल की रानी कमलापति थाना जीआरपी ने यूपी के लखीमपुर खीरी से नेपाल बॉर्डर के पास से अर्चना को बरामद किया है। अब टीम यहां से अर्चना को लेकर भोपाल जाएगी और पूछताछ करेगी। पहले कहा जा रहा था कि अर्चना ने अपनी मां को कॉल कर के दिल्‍ली की लोकेशन बताई थी, बाद में लखीमपुर खीरी में होने की बात आई तो कभी नेपाल घूमने की खबरें में सामने आई थीं। अब तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है आखिर अर्चना कहां से मिली है।
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जानकारी आ रही है कि अर्चना अपने दोस्त के साथ काठमांडू गई थी। वहां से लौटने के दौरान लखीमपुर खीरी में मिली है। बताया जा रहा है कि उसके साथ एक युवक को भी पकड़ा गया है। पुलिस उसे लेकर भोपाल आ रही है।

कॉन्‍स्‍टेबल उगलेगा राज : इस केस के सिलसिले में ग्वालियर में एक कॉन्स्टेबल राम तोमर से पूछताछ की गई थी। पुलिस पूछताछ में राम तोमर ने अर्चना तिवारी को लेकर कई खुलासे किए हैं। साथ ही उसने स्वीकार किया है कि अर्चना के लिए टिकट बुक करवाया था। बताया जा रहा है कि राम तोमर अर्चना को लेकर कई राज उगल सकता है।
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मैं अर्चना से कभी मिला नहीं : कॉन्स्टेबल राम तोमर ने पुलिस पूछताछ में यह कहा है कि वह अर्चना तिवारी से कभी मिला नहीं है। अर्चना तिवारी को पिछले डेढ़ साल से जानता हूं, लेकिन सिर्फ फोन पर ही बात होती थी। मैंने अर्चना तिवारी को कभी सामने से नहीं देखा हूं। मैंने अर्चना तिवारी का बस टिकट बुक कराया था। ट्रेन यात्रा के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि जीआरपी अभी भी राम तोमर से पूछताछ कर रही है। राम तोमर ने यह भी कहा है कि उसके लापता होने से मेरा कोई लेना देना नहीं है।

इसलिए हुई थी पहली बार अर्चना से बात : कॉन्स्टेबल राम तोमर ने बताया कि अर्चना तिवारी से उसकी करीब डेढ़ साल पहले एक केस के सिलसिले में बात हुई थी। अर्चना तिवारी सिविल जज की तैयारी के साथ वहां वकालत भी करती थी। पुलिस ने भी कहा है कि दोनों की बातचीत फोन पर होती थी। वहीं, पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि टिकट जब बस का बुक हुआ था तो वह ट्रेन से यात्रा क्यों कर रही थी।
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क्‍या पुलिस को चकमा दे रही थी अर्चना : जीआरपी पुलिस अपनी जांच कर रही है। पुलिस को प्‍लानिंग का शक है। पुलिस अब यह भी जांच करेगी कि क्या अर्चना तिवारी ने सब कुछ प्लानिंग के तहत किया था, क्योंकि वह भोपाल तक दिखी थी, उसके बाद ट्रेन में नहीं दिखी। उसका बैग उमरिया में मिला। ऐसे में वह पुलिस और परिवार को भी चकमा देने की कोशिश की। अब खुद लखीमपुरी खीरी में मिली है। ऐसे में पुलिस तमाम बिंदुओं पर जांच कर रही है।

कैसे अचानक हुई थी लापता : अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर के हॉस्टल से घर के लिए नर्मदा एक्सप्रेस से निकली। भोपाल पहुंचने पर अर्चना की चाची से बात हुई। वहीं ट्रेन सुबह 6:50 बजे कटनी स्टेशन पहुंची, लेकिन वो नहीं उतरी। जिसके बाद परिवारवालों ने अर्चना की खोजबीन शुरू की। इस दौरान अर्चना का बैग ट्रेन की बर्थ पर मिला। जिसके बाद परिजनों ने GRP में मामला दर्ज करवाया।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल

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