Who is Chief Minister of Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2024) में जीत के लिए दोनों प्रमुख गठबंधन पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। महाविकास अघाडी (MVA) के प्रमुख नेता राहुल गांधी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे मोर्चा संभाले हुए हैं, वहीं महायुति की ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेन्द्र फडणवीस, अजित पवार समेत अन्य नेताओं ने भी गठबंधन की जीत के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
दरअसल, यह सवाल गृहमंत्री अमित शाह के हाल के एक बयान के बाद प्रमुखता से सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में लोग चाहते हैं कि चुनावों के बाद महायुति की सरकार सत्ता में बनी रहे और देवेन्द्र फडणवीस की जीत हो। शाह ने यह भी कहा कि डेढ़ महीने पहले मैंने पूरे महाराष्ट्र का दौरा दौरा किया था। मैं विदर्भ, मुंबई, कोंकण, कोल्हापुर, उत्तर महाराष्ट्र का दौरा कर चुका हूं, वहां लोगों में एक ही भावना थी कि महायुति की सरकार बनाना और देवेंद्र फडणवीस को जिताना है। अमित शाह के इस बयान को एकनाथ शिंदे के लिए परोक्ष रूप से संदेश माना जा रहा है। मुख्यमंत्री शिंदे भी इस बात को समझ गए हैं कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी वापसी लगभग नामुमकिन है, लेकिन वे जोर पूरा लगाएंगे।
इस तरह सुधारी शाह ने गलती : हालांकि जब शाह को समझ में आया कि उन्होंने बोलने में थोड़ी जल्दबाजी कर दी तो शाह ने अपनी गलती को सुधारते हुए कहा कि राज्य में अभी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं और चुनाव के बाद गठबंधन के तीनों साझेदार मिलकर मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी कहा कि महायुति के नेता साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा मन बना चुकी है कि यदि महायुति की सत्ता में वापसी होती है तो फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे। क्योंकि भाजपा राज्य में 149 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और परिणाम के बाद उसके महायुति का सबसे बड़ा दल बनने की पूरी संभावना है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 82 और एनसीपी के 55 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
खुल सकती है सुप्रिया सुले की किस्मत : वहीं, महाविकास अघाड़ी में भी मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर असमंजस बना हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक बार फिर मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद सीटों का गणित मुख्यमंत्री बनने में अहम भूमिका निभाएगा। एमवीए में कांग्रेस सबसे ज्यादा 102 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि शिवसेना यूबीटी ने 96 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
शरद पवार की एनसीपी 87 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ज्यादा सीटें मिलने की स्थिति में कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक रूप से दावेदार होगी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव किसी भी सूरत में कांग्रेस को सीएम पद नहीं देना चाहेंगे। ऐसे में कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी की लड़ाई का फायदा शरद पवार की पार्टी को मिल सकता है। एनसीपी पर दोनों ही दल सहमत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में पवार की बेटी सुप्रिया सुले मुख्यमंत्री पद का सर्वमान्य चेहरा हो सकती हैं। उद्धव भी पवार से निकटता के चलते सुप्रिया को समर्थन दे सकते हैं। यह भी संभव है कि राज्य में चुनाव परिणाम के बाद नए सत्ता समीकरण बन जाएं। इंतजार कीजिए 23 नवंबर का।