Ladakh violence : सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यहां कहा कि लद्दाख में हुई हिंसा के मामले में राजनीति और निजी स्वार्थ से प्रेरित साजिश की बू आ रही है, लेकिन युवाओं को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि लद्दाख और उसके युवा कुछ लोगों की संकीर्ण राजनीति और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की निजी महत्वाकांक्षाओं की भारी कीमत चुका रहे हैं। सरकारी बयान के मुताबिक लद्दाख में भीड़ के हमलों में 30 से अधिक पुलिस/सीआरपीएफ जवान घायल हुए हैं। भीड़ पुलिस पर हमला कर रही थी। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिसमें कुछ लोगों के हताहत होने की खबर है।
सूत्रों ने कहा कि हिंसा में शामिल लद्दाख के युवाओं को गुमराह करके राजनीतिक व निजी स्वार्थ के लिए एक भयावह साजिश में फंसाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों के कल्याण व सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और युवाओं के साथ खड़ी है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने ऐसे बयान दिए जो पथराव, बंद और आगजनी के निर्देश जैसे लग रहे थे।
एक सूत्र ने कहा कि वे इतने तैयार कैसे थे? पूरे घटनाक्रम को देखते हुए राजनीति और निजी स्वार्थ से प्रेरित साजिश की बू आ रही है।” उन्होंने कहा कि लद्दाख में स्थिति अपने आप नहीं बिगड़ी, बल्कि जानबूझकर बिगाड़ी गई। केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए एबीएल और केडीए के साथ उच्चाधिकार प्राप्त समिति की छह अक्टूबर होने वाली बैठक का उल्लेख करते हुए सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार ने एबीएल द्वारा प्रस्तावित एचपीसी के नए सदस्यों को लेकर भी सहमति व्यक्त की है।
बातचीत का रखा था प्रस्ताव
सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार बैठक को 6 अक्टूबर के बजाय 25-26 सितंबर को आयोजित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि दरअसल, केंद्र सरकार हमेशा से बातचीत के लिए तैयार रही है और पहले भी 25 जुलाई को बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन उसे सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।” सूत्रों ने सवाल किया कि जब बातचीत खुले मन से तय की गई थी, तो हिंसा किसके फायदे के लिए भड़काई गई?
सूत्रों ने कहा कि सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख में 'अरब स्प्रिंग' जैसे विरोध प्रदर्शन की इच्छा जताते रहे हैं। नेपाल में जेनरेशन जेड के विरोध प्रदर्शनों का उनका संदर्भ अब एक ब्लूप्रिंट जैसा लगता है। क्या उन्होंने इस मंच का इस्तेमाल अपने निजी मुद्दों को छिपाने के लिए किया है ताकि अब सामने आ रही कुछ गड़बड़ियों को छिपाया जा सके?
उन्होंने कहा, जैसे ही प्रार्थना और भाषणों के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ रहा था, युवाओं का एक समूह नारे लगाते हुए बाहर निकला। बाद में, हमने सुना कि उन्होंने उत्पात मचाया, पुलिस के वाहनों और लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा, आज जो हुआ वह बहुत दुखद है। ऐसा कहा जा रहा है कि तीन .चार युवक मारे गए हैं।