क्यों सुर्खियों में हैं कुंडा के राजा भैया? भाजपा और सपा दोनों ही डाल रही हैं डोरे

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 22 फ़रवरी 2024 (18:03 IST)
Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya News: जनसत्ता दल के मुखिया एवं उत्तर प्रदेश की कुंडा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, राज्यसभा की एक सीट को लेकर यूपी में पेंच फंसा हुआ है और समाजवादी पार्टी और भाजपा दोनों ही इस सीट को जीतना चाहते हैं। जबकि, भाजपा की 7 और सपा की 2 सीटों पर जीत तय है। 
 
किसके साथ जाएंगे राजा भैया? : इसी सिलसिले में पिछले दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने अलग-अलग राजा भैया से मुलाकात की है। राजा भैया के पास 2 वोट यानी दो विधायक हैं। और, दोनों ही दलों के लिए उस सीट के लिए एक-एक वोट का महत्व है। इस बीच, राजा भैया ने यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है। योगी के प्रति उनका झुकाव जगजाहिर है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने कहा था कि गोरक्षनाथ पीठ के प्रति उनके परिवार की गहरी आस्था है और योगी आदित्यनाथ पीठ के मुखिया है। 
 
राजा भैया का एक बयान चौंकाने वाला है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी से निकट संबंधों की बात कहीं थी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को मैंने 20 साल दिए हैं। मेरे लिए सपा सबसे पहले है। हालांकि राजा भैया के रुख से फिलहाल यह अनुमान लगाना कठिन है, वे भाजपा की तरफ जाएंगे या सपा की तरफ। ऐसा भी कहा जा रहा है कि राजा भैया सपा के साथ लोकसभा चुनाव के लिए भी गठजोड़ कर सकते हैं।
 
तब अखिलेश के साथ बढ़ गई थीं दूरियां : राजा भैया सपा सरकार में दो बार मंत्री भी रह चुके हैं, लेकिन सपा और बसपा के गठजोड़ के बाद राजा भैया और अखिलेश के बीच दूरियां बढ़ गई थीं और दोनों के बीच रिश्ते भी खराब हो गए थे। मायावती के शासनकाल में राजा भैया और उनके पिता को जेल जाना पड़ा था। उन पर उस समय पोटा के तहत कार्रवाई की गई थी। वे करीब 10 महीने यूपी के 7 जिलों की जेलों में बंद रहे। जिस समय राजा भैया जेल में थे, उनकी पत्नी गर्भवती थीं और उन्होंने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। हालांकि मुलायम की सरकार बनने के बाद पोटा कानून हटाया गया था और वे जेल से बाहर आ गए थे। 
 
वर्ष 2019 में भी जब सपा ने बसपा के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था तो राजा भैया नाराज हो गए थे और उस समय उन्होंने सपा उम्मीदवार के खिलाफ वोट दिया था। ऐसे में अब सभी की नजर राजा भैया पर है कि इस बार राज्यसभा उम्मीदवार के लिए उनका वोट सपा को जाएगा या फिर भाजपा को।
कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ : अखिलेश ने चुनाव के दौरान कहा था कि कुंडा के लोग कुंडी लगा देंगे। इससे नाराज राजा भैया ने पलटवार करते हुए कहा था कि मैं किसी पर पर निजी टिप्पणी नहीं करता साथ मंच की मर्यादा भी बनाकर रखता हूं। उन्होंने कहा कि अभी कोई माई का लाल पैदा नहीं हुआ है जो कुंडा में कुंडी लगा दे। 
 
कौन हैं राजा भैया : प्रतापगढ़ जिले की भदरी रियासत के पूर्व राजकुमार राजा भैया की चुनावी यात्रा 1993 से शुरू हुई जब वे कुंडा से पहली बार निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गए। इसके बाद 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में वे लगातार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुने जाते रहे। 2017 में राजा भैया ने भाजपा के जानकी शरण को 1 लाख 3 हजार 647 वोट के बड़े अंतर से हराया था। यह जीत यूपी चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी जीत थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में राजा भैया जनसत्ता पार्टी का गठन किया फिर उसके बैनर तले चुनाव जीते। उनकी पार्टी ने एक और सीट पर चुनाव जीता था। 
 
कई किस्से हैं राजा भैया के : राजा भैया खुद को बाहुबली नहीं मानते, लेकिन उनके साथ कई किंवदतियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि वे तालाब में मगरमच्छ रखते हैं और अपने विरोधियों को वहां फेंक देते हैं। वे इसका बात का कई मौकों पर खंडन कर चुके हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे समानांतर अदालत भी चलाते हैं, जहां स्थानीय लोगों के आपसी मसलों को निपटाया जाता है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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