सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पिपरिया से तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी और मंगलवार देर शाम उत्तरप्रदेश के लखनऊ, कानपुर में बैठे आतंकी से घटना के तार जुड़ना एक बड़ी आतंकी साजिश की ओर इशारा करते हैं। गनीमत यह रही कि कोई बहुत बड़ा हादसा नहीं हुआ।
पिपरियां में गिरफ्तार आतंकियों से बरामद विस्फोटक सामग्री से इसी तरह के दो अन्य बम बन सकते हैं। यह भी पता चला है कि पकड़े गए युवाओं पर मध्यप्रदेश में किसी भी तरह से धमाके करने का दबाव था। वो तो भला हो सुरक्षा एजेंसियों का, उनकी सजगता से ही बड़ा हादसा होने से टल गया और देश को एक खतरनाक आतंकी से भी मुक्ति मिली।
हाल ही में भोपाल में एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ था जो पाकिस्तान के कॉल्स को लोकल में तब्दिल कर देता था। इसमें भाजपा से जुड़े कई लोगों के नाम भी सामने आए थे। सुरक्षा एजेंसियों को उस समय सतर्क हो जाना चाहिए था लेकिन यहां हुई चूक भारी पड़ गई और आतंकियों ने आखिरकार शाजापुर में इस घटना को अंजाम दे ही दिया।