Will the 500 rupee note also go out of circulation: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मांग कि 500 रुपए के नोट को चलन से बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने अपनी बात के पक्ष में तर्क दिया कि जब तक 500 का नोट चलन से बाहर नहीं होगा, तब भ्रष्टाचार की जड़ों को पूरी तरह खत्म नहीं कर सकते। हालांकि नायडू की बातों को खारिज भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि ईडी, आयकर विभाग, सीबीआई आदि के छापों में जब्त राशि में ज्यादातर 500 रुपए के नोट ही होते हैं।
क्या कहा चंद्रबाबू ने : मुख्यमंत्री नायडू ने एक इंटरव्यू में कहा है कि देश में 500 रुपए के नोटों को भी बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ 100 और 200 रुपए के नोटों को ही चलन में रहने देना चाहिए। दरअसल, बड़े मूल्य के नोटों के होने के कारण ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। आंध्र के सीएम ने कहा कि जब तक हम बड़े मूल्य के नोटों को चलन से बाहर नहीं करेंगे, तब तक देश से भ्रष्टाचार की जड़ों को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता।
भारत में कब-कब हुई थी नोटबंदी : 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। हालांकि इसके बाद 500 रुपए का नोट तो नए रूप-रंग के साथ वापस आ गया था, लेकिन सरकार ने 2000 रुपए का नया नोट भारी जारी किया था। लेकिन, 19 मई 2023 को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी 'स्वच्छ नोट नीति' के तहत 2000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी।
हालांकि इसे नोटबंदी नहीं कहा गया था, लेकिन इसके बाद 2000 रुपए के नोट धीरे-धीरे चलन से पूरी तरह बाहर हो गए। इससे पहले भी 1946 में आजादी से पहले ब्रिटिश सरकार ने 1000 और 10000 रुपए के नोट बंद किए थे। 1978 में जनता पार्टी की सरकार ने 1000, 5000 और 10000 रुपए के नोट बंद किए थे। (एजेंसी/वेबदुनिया)