2014 में कुल इस तरह के 512 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें अकेले 72 मामले केरल में दर्ज किए गए हैं, जो कुल मामलों का 14 प्रतिशत है। केरल के बाद दूसरा नंबर पर असम है जहां पर इस तरह के 11 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं वहीं तीसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां पर नौ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए हैं।
केरल में दर्ज किए गए 72 मामलों में से 65 मामले धर्म, जाति, जन्म के स्थान के आधार पर व दुशमनी फैलाने के हैं। इसके अतिरिक्त केरल मे पांच मामले देशद्रोह के भी दर्ज किए गए हैं।