लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती के विरुद्ध चल रहे बलात्कार के एक मुकदमे को वापस लिए जाने के आदेश संबंधी एक पत्र शाहजहांपुर जिला प्रशासन को भेजा है। वहीं दूसरी ओर कथित बलात्कार पीड़िता ने राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में सरकार के इस कदम पर आपत्ति दर्ज कराते हुए चिन्मयानन्द के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग की है।
इस बीच राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने लखनऊ में इस मामले पर कहा कि सरकार ने पुराने मामले वापस लिए जाने की बात कही है, लेकिन वह वास्तव में वापस लिया जाएगा या नहीं, इसका फैसला अदालत ही करेगी। अगर किसी को सरकार के कदम पर आपत्ति है तो वह उसे अदालत में चुनौती दे सकता है।
दूसरी और चिन्मयानन्द पर बलात्कार का मामला दर्ज कराने वाली महिला ने राष्ट्रपति, प्रधान न्यायाधीश और जिला जज को पत्र भेजकर राज्य सरकार के इस कदम पर आपत्ति दर्ज कराई है। उसने कहा है कि इसके बजाय पूर्व गृह राज्यमंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाना चाहिए।
उसका कहना है, 'यही भाजपा बेटियों के सम्मान में, भाजपा मैदान में' का नारा दे रही थी और अब वही पार्टी मेरा मुकदमा खत्म करा रही है, यह बहुत ही दुखद है। सरकार को न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। मैंने अदालत में इस आशय का प्रार्थनापत्र दे दिया है कि आरोपी के खिलाफ वारंट जारी करके उसे जल्द से जल्द जेल भेजा जाए।'