आसाराम के वकील ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। वकील ने पीठ से कहा कि इससे पहले न्यायालय ने दीपावली के बाद सुनवाई की बात कही थी, लेकिन यह मामला चार जनवरी 2018 के लिए चला गया है। वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि उनका मुवक्किल लंबे समय से जेल में है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए।
इससे पहले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने गांधीनगर अदालत में चल रहे दुष्कर्म के मामले की स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। आसाराम ने मुकदमा धीमी गति से चलने की शिकायत की थी, जिस पर न्यायमूर्ति रमन्ना ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि आसाराम के खिलाफ मामले की सुनवाई में इतनी देर क्यों हो रही है?