केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय रवैये की अवमानना करने वाले पाकिस्तान के कदम की हर कोई निंदा करेगा और संयुक्त राष्ट्र से जो संकेत आए हैं कि लखवी की रिहाई से जुड़े मामले को पाकिस्तान के समझ उठाया जाएगा, वह हमारे लिए एक स्वागत योग्य कदम है।’
सवालों के जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा कि जिस तरह से मामले से निपटा जा रहा है, उस पर भारत ने पाकिस्तान को अपनी नाखुशी जाहिर कर दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में उपलब्ध सबूत वहां की अदालत के समक्ष नहीं रखे।
उन्होंने कहा, ‘इसलिए अदालती प्रक्रिया के जरिए लखवी की रिहाई हो गई। हम पाकिस्तान सरकार से मांग करते हैं कि वह नेकनीयती बरते।’ सुरक्षा परिषद ने यह आश्वासन तब दिया जब संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने यूएनएससी अल-कायदा प्रतिबंध समिति के राजदूत जिम मैकले को पत्र लिखकर लखवी की रिहाई पर चिंता जताई और कहा कि इससे अल-कायदा और उससे जुड़े लोगों एवं संस्थाओं से संबद्ध समिति के प्रावधानों का उल्लंघन होता है।