नई दिल्ली। लोकसभा में जनजातीय संस्कृति, परंपराओं, लोक कलाओं तथा विलुप्त होने की कगार पर पहुंची भाषाओं के संरक्षण एवं पुनरूद्धार के संबंध में संस्कृति मंत्री श्रीपद नाइक के जवाब से सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उनसे (मंत्री) हर प्रदेश के सदस्य को बुलाकर चर्चा करने को कहा।
लोकसभा में अनुप्रिया पटेल, के वी थामस, शशि थरूर एवं अन्य सदस्यों ने सरकार से सवाल पूछा था। हालांकि सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।
इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, 'संस्कृति से कहीं न कहीं संस्कार प्रभावित होते हैं। इस बारे में काफी सदस्यों ने रूचि दिखाई है। माननीय मंत्रीजी हर प्रदेश के सदस्यों को बुलाकर उनसे चर्चा करें।'
अनुप्रिया पटेल ने चुनार किला के संरक्षण और कजरी लोक गीत परंपरा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल की जानकारी मांगी थी।
संस्कृति मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि सरकार के पास योजनाएं हैं। इन योजनाओं के तहत सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की पहल की जाती है। इस संबंध में सदस्य के प्रस्ताव पर अधिकारियों को बुलाकर उनके समक्ष चर्चा की जाएगी। अनुप्रिया पटेल हालांकि मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई।
सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के बारे में केवी थॉमस के पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि किसी भी देश के विकास में संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत विविधताओं से भरा देश है और हम विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में पहल कर रहे हैं। देश में 7 सांस्कृतिक केंद्र है और वे अच्छे से काम कर रहे हैं। अगर सदस्य का कोई प्रस्ताव है, तो वह भेज दें। थामस भी मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए।
शशि थरूर ने कहा कि भाषा संस्कृति की वाहक होती है। देश में कई ऐसी भाषाएं हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसके संरक्षण के लिए क्या पहल की गई है। इसके जवाब में संस्कृति मंत्री ने कहा कि मंत्रालय काफी काम कर रहा है, जो विभिन्न योजनाओं के तहत है। गुरु शिष्य परंपरा, मेला का आयोजन से लेकर लोक कलाओं के संरक्षण के प्रयाय किए जा रहे हैं। सदस्यों ने हालांकि कहा कि यह सवाल का जवाब नहीं है। (भाषा)