मुकेश अंबानी ने किया विंडफाल टैक्स का विरोध

सोमवार, 14 जुलाई 2008 (23:05 IST)
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह तथा सरकार के कई अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और यह बताने की कोशिश की कि विंडफाल टैक्स क्यों अच्छा नहीं है।

अंबानी की आज की दिल्ली यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग सरकार की नई सहयोगी बनी समाजवादी पार्टी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

दिल्ली पहुँचते ही अंबानी ने प्रधानमंत्री सिंह से मुलाकात की। उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के साथ मुलाकात की भी अपुष्ट खबर है।

अंबानी ने कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के नेता अमरसिंह ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर रिफाइनरी को दिया गया ईयूओ दर्जा वापस लेने सहित कई मुद्दे उठाए हैं। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया है कि मुकेश एवं उनके अनुज अनिल अंबानी में समझौता कराने के लिए प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।

सूत्रों का कहना है कि निजी कंपनियों पर विंडफाल टैक्स (डब्ल्यूपीटी) लगाने की माँग एक लोकलुभावन नारे से अधिक कुछ नहीं है। अंबानी ने इस तर्क को दिग्भ्रमित करने वाला बताया कि दुनिया भर में तेल कीमतों में उछाल से कंपनियों को अनाप-शनाप लाभ हो रहा है।

ऐसा माना जाता है कि अंबानी ने आला अधिकारियों को बताया कि डब्ल्यूपीटी से होने वाली राजकोषीय आय अल्पकालिक होगी, लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन असर होगा।

अंबानी ने अधिकारियों को बताया कि किसी भी खंड के कारोबार में उछाल के समय रिटर्न बढ़ता है जैसा 1990 के दशक में आईटी खंड में हुआ था, लेकिन तब डब्ल्यूपीटी के बारे में सोचा तक नहीं गया।

अमेरिका ने 1980 में डब्ल्यूपीटी लगाया था, लेकिन 1988 में इसे वापस लेना पड़ा क्योंकि इसके कारण आयातित तेल पर निर्भरता बढ़ी और सकल आय उससे कहीं कम रही, जितनी की उम्मीद थी।

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