नई दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को उस समय अप्रिय स्थिति बन गई जब दोपहर बाद रेल बजट को वापस लेने की मांग पर तृणमूल कांग्रेस और सत्तारूढ भाजपा के सदस्यों में हाथा-पाई की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस हंगामे के कारण तीन बार स्थगन के बाद बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
व्यवस्था नहीं बनने के कारण कई बार के स्थगन के बाद साढे तीन बजे सदन की बैठक शुरू होने पर तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद और आप के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर रेल बजट के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
तृणमूल सदस्य प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी, रेल मंत्री सदानंद गौड़ा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और रेल बजट को वापस लेने की मांग कर रहे थे। तृणमूल सदस्य प्रधानमंत्री हाय, हाय और अमूल बजट नहीं चलेगा का नारा लगा रहे थे, जबकि भाजपा सदस्य ‘अबकी बार मोदी सरकार’ के जवाबी नारे लगाने लगे।
जब दोनों दलों के सदस्यों के बीच नारेबाजी हो रही थी तभी भाजपा के दो सदस्य तृणमूल सदस्य पर कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए आसन के समीप आ गए। दोनों पक्षों के बीच गर्मागर्म बहस हुई और एक समय स्थिति संघर्ष के स्तर पर पहुंच गई।
मार्शल और कुछ सदस्यों को दोनों दलों के सदस्यों को अलग करते देखा गया। शोरशराबा बढ़ता देख पीठासीन सभापति हुकुमदेव नारायण यादव ने कार्यवाही साढ़े चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं कलराज मिश्रा सदस्यों को शांत करते देखे गए। कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए आगे आते देखा गया। इस घटना में शामिल भाजपा सदस्य हरिनारायण राजभर हैं। (भाषा)