पद छोड़ने के लिए माकपा की तरफ से बढ़ते दबाव के बीच सोमवार को सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष पद पर आज भी बरकरार रहे।
लोकसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर माकपा की ओर से बढ़ते दबाव के बीच एक वरिष्ठ माकपा नेता ने सोमनाथ के अपने पद पर बने रहने की वकालत की। सोमनाथ प्रत्यक्षत: अपने पद से इस्तीफा देने के अनिच्छुक दिखे। उन्होंने कोलकाता के एक दैनिक अखबार से कहा कि पिछले सप्ताह संप्रग सरकार से समर्थन लेने के लिए वामपंथी सांसदों की सूची में उनका नाम डालने से पहले सीपीएम ने उनसे सलाह नहीं ली।
मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु से कल मुलाकात के बाद उन्होंने अखबार से कहा कि मुझसे संपर्क नहीं किया गया। यह राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए जाने के बाद मुझे जानकारी हुई। माकपा महासचिव प्रकाश करात ने आज एक वक्तव्य जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय अध्यक्ष स्वयं लेंगे।
करात ने अध्यक्ष को कामरेड सोमनाथ चटर्जी कहा और उनके पद को लेकर मीडिया में लगाए जा रहे कयासों की ओर ध्यान दिलाया। करात ने कहा हम नहीं चाहते कि अध्यक्ष पद को किसी गैर जरूरी विवाद में घसीटा जाए।
सोमनाथ ने इस विषय में कुछ नहीं कहा लेकिन पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ सीपीएम नेता सुभाष चक्रवर्ती ने कहा कि अध्यक्ष पद की अपनी गरिमा है और यह राजनीति से ऊपर है। उन्होंने कहा कि चटर्जी को सभी बड़ी पार्टियों ने सर्वसम्मति से चुना था और इसे सीपीएम के मामले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
सोमनाथ पद पर बने रहें : कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का पद संसदीय इतिहास और परंपराओं के अनुसार यह एक पार्टी विहीन पद होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह बात निर्णय करने से पहले ध्यान में रखी जानी चाहिए।
कांग्रेस को भरोसा है कि चटर्जी अपने पद पर बने रहेंगे, जिससे वे 22 जुलाई को होने वाले मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएँगे। लोकसभा अध्यक्ष उसी समय अपना मत डाल सकता है, जब मतदान में दोनों पक्षों को बराबर मत मिले हों।