लहसुन को पारंपरिक वैद्य और जानकार एक वैक्सिन की तरह मानते हैं क्योंकि इसमें शरीर को रोगप्रतिरोधकता प्रदान करने की अटूट क्षमता है। शरीर के भीतर और बाहरी संक्रमण से लड़ने के लिए लहसुन एक जबरदस्त उपाय है।
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किसी नई वैक्सिन को बाजार में आने तक सालों लग जाते हैं और नई वैक्सिन के इंतजार में कई मरीजों को प्राण तक गवांना पड़ते हैं। ऐसे में लहसुन जैसी गुणकारी औषधि रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है और बाहर संक्रमण से लड़ने में मरीज की मदद करती है।
एलडीएल कोलेस्ट्रोल बनने से रोकता है लहसुन
लहसुन के औषधीय गुणों पर दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध किए जा रहें हैं और तो और पूरी वैज्ञानिक जमात हृदय रोगों में लहसुन के कारगर होने पर ज्यादा काम कर रही है। तमाम आधुनिक शोधों की रपट के अनुसार, वे लोग जो ताजी लहसुन की कलियों का सेवन प्रतिदिन सुबह करते हैं, उनके LDL कोलेस्ट्राल का स्तर कम हो जाता है जबकि HDL कोलेस्ट्राल के स्तर को कोई नुकसान नहीं होता है।
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शोध रिपोर्ट के अनुसार लहसुन लीवर द्वारा अत्यधिक मात्रा में LDL कोलेस्ट्राल बनने को रोकता है। अनेक आधुनिक शोध ये भी दर्शाती हैं कि लहसुन उच्च रक्त चाप को सामान्य करने में मदद करता है और रक्त की प्लेटलेट्स की चिकनाई कम करके रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया को रोकता है यानि हॄदयाघात होने की संभावनाओं को कम करता है। प्लेटलेट्स की चिकनाई ज्यादा होने पर वे आपस में मिलकर थक्का बनाने का कार्य प्रारंभ कर देते हैं जो धमनियों में एकत्र होकर हृदयाघात की संभावनाओं को बढा देते हैं।
ऑर्थ्राइटिस का रामबाण इलाज है लहसुन
लहसुन आर्थरायटिस जैसी दर्दकारक बीमारियों के लिए भी रामबाण की तरह कार्य करता है। यद्यपि लहसुन के अनेक औषधीय गुणों पर उच्चस्तर की शोध जारी है फिर भी इसका उपयोग किसी विशेषज्ञ की निगरानी में ही करने की सलाह दी जाती है। उम्रदराज महिलाओं को घुटने के जोड़ों में अक्सर शिकायत रहती है उन्हें लहसुन का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।