मान्यता: कहते हैं कि आप जिस इच्छा की पूर्ति के लिए चण्डीपाठ करते हैं, वह इच्छा नवरात्रि के दौरान या अधिकतम दशमी तक पूर्ण हो जाती है लेकिन यदि आप लापरवाही व गलती करते हैं, तो इसी दौरान आपके साथ अकल्पनीय घटनाएं अथवा दुर्घटनाएं भी घटित होती हैं। इसलिए रखें 5 सावधानियां।
3. पवित्रता का रखें ध्यान : चण्डी पाठ या दुर्गा शप्तशती के दौरान रजस्वला स्त्रियों को उक्त पूजा स्थान या मंदिर से दूर ही रहना चाहिए, अन्यथा चण्डीपाठ करने वाले व्यक्ति को बहुत ही तीव्र दुष्परिणाम भोगने पड़ते हैं।