Shardiya Navratri 2023: वॉशिंगटन और लंदन में क्या रहेगा घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, जानें
Ghatasthapana muhurat 2023 navratri: 15 अक्टूबर 2023 को शारदीय नवरात्रि का महोत्सव प्रारंभ हो रहा है। टाइम झोन के अंतर के चलते भारत और अन्य देशों में घट स्थापना का मुहूर्त अलग अलग रहेगा। यदि आप अमेरिका या ब्रिटेन में रहते हैं तो यहां जानिये की आप किस तारीख और समय को घट स्थापना करके नवरात्रि के नौ दिनों का उत्सव मनाना प्रारंभ कर सकते हैं।
लंदन टाइम के अनुसार घट और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त | ghatasthapana muhurat 2023 navratri according to london time :-
संध्या पूजा का गोधूलि शुभ मुहूर्त: शाम को 06 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 23 मिनट तक।
निशीथ काल पूजा मुहूर्त: रात्रि 12 बजकर 52 मिनट से 01 बजकर 52 मिनट तक।
घटस्थापना के लिए आवश्यक सामग्री | Ghatasthapana ki samagri:-
फूल माला
लाल वस्त्र
अक्षत यानी साबूत चावल
अशोक या आम के पत्ते
जटा वाला नारियल
सुपारी और कुंकुम
कलश, गंगाजल या साफ स्वच्छ पानी
सप्तधान्य (7 तरह के अनाज)
मिट्टी का एक बर्तन
पवित्र स्थान की मिट्टी
घट स्थापना कैसे की जाती है | Ghatasthapana kaise kare:-
घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है।
घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें। फिर एक परत मिट्टी की बिछा दें। एक बार फिर जौ डालें। फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। अब इस पर जल का छिड़काव करें। इस तरह उपर तक पात्र को मिट्टी से भर दें। अब इस पात्र को स्थापित करके पूजन करें।
जहां घट स्थापित करना है वहां एक पाट रखें और उस पर साफ लाल कपड़ा बिछाकर फिर उस पर घट स्थापित करें। घट पर रोली या चंदन से स्वास्तिक बनाएं। घट के गले में मौली बांधे।
कलश स्थापना विधि | Kalash Sthapana Vidhi:-
एक तांबे के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर नाड़ा बांधकर उसे उस मिट्टी के पात्र अर्थात घट के ऊपर रखें। अब कलश के ऊपर पत्ते रखें, पत्तों के बीच में नाड़ा बंधा हुआ नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखें।
अब घट और कलश की पूजा करें। फल, मिठाई, प्रसाद आदि घट के आसपास रखें। इसके बाद गणेश वंदना करें और फिर देवी का आह्वान करें।
अब देवी- देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करें कि 'हे समस्त देवी-देवता, आप सभी 9 दिन के लिए कृपया कलश में विराजमान हों।'
आह्वान करने के बाद ये मानते हुए कि सभी देवतागण कलश में विराजमान हैं, कलश की पूजा करें। कलश को टीका करें, अक्षत चढ़ाएं, फूलमाला अर्पित करें, इत्र अर्पित करें, नैवेद्य यानी फल-मिठाई आदि अर्पित करें।