अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:49 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:20 तक।
संध्या पूजा मुहूर्त: शाम 06:40 पी एम से 07:50 तक।
कैसे करते हैं निशा पूजा : मान्यतानुसार इस दिन साधक और तांत्रिक लोग निशीथ काल में पूजा करते हैं तथा इसी बीच सभी के लिए महानिशा पूजा होती है। यह पूजा नवरात्रि की सप्तमी की रात में की जाती है। यह दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के रूप में मनाया जाता है और इस दिन भक्त मां का आशीष पाने के लिए व्रत-उपवास रखकर देवी कालरात्रि की विधि-विधान से पूजन करते हैं।