Nisha puja kab hai 2023: शारदीय नवरात्रि का त्योहार चल रहा है। इसमें माता दुर्गा की पूजा और साधना करते हैं। नवरात्रि में साधक और तांत्रिक लोग निशीथ काल में पूजा करते हैं। इसी बीच सभी के लिए महा निशा पूजा होती है। यह पूजा नवरात्र की सप्तमी की रात में होती है। इस पूजा का क्या महत्व है, क्यों करते हैं निशा पूजा? आओ जानते हैं सभी कुछ।
क्या होती है निशा पूजा : निशा का अर्थ होता है रात्रि काल। नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी के दिन को खास माना जाता है। अष्टमी तिथि का प्रारंभ रात में होता है तो तब उस समय भी पूजा कर सकते हैं। हालांकि सप्तमी की रात को निशीथ काल में निशा पूजा की जाती है। सप्तमी के रात में ही अष्टमी निशा पूजा होती हैं। उसी दिन रात में संधी पूजा होगी। संधि पूजा यानी जब सप्तमी समाप्त होगी तब।
निशीथ मुहूर्त : 21 अक्टूबर 2023 रात्रि काल 11:41 से 12:31 तक (22 अक्टूबर).
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09:53 से।