'गोरोचनालल्तकुंकुमेन सिन्दूरकर्पूरमधुत्रयेण।
विलिख्यं यन्त्रं विधिना विधिज्ञ भवेत् सदा धारयेत पुरारि:॥
अर्थात् मंगलवार के दिन अमावस्या हो और अर्द्धरात्रि में जब चंद्र शतभिषा नक्षत्र में हो तब गोरोचन, लाक्षा (लाख), सिंदूर, कुंकुम, कर्पूर, घी, शहद इन वस्तुओं को मिश्रित कर विधिपूर्वक इस स्तोत्र को लिखकर धारण करने से व्यक्ति शिवतुल्य हो जाता है। उसे अकूत धन-सम्पत्ति की प्राप्ति होती है।