शारदीय नवरात्रि 2025, माता दुर्गा के 9 रूप, महत्व, रहस्य

WD Feature Desk

सोमवार, 15 सितम्बर 2025 (11:05 IST)
Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि, मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित एक पावन पर्व है। इस साल, शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर, सोमवार से होगी तथा इसका समापन 1 अक्टूबर 2025 को होगा। इन नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नौ रूपों के पीछे गहरा महत्व और रहस्य छिपा हुआ है।
 
क्यों हैं माता दुर्गा के 9 रूप : पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए नौ दिनों तक युद्ध किया था। इस युद्ध के दौरान, उन्होंने हर दिन एक नया और शक्तिशाली रूप धारण किया। ये नौ रूप देवी की शक्ति, पराक्रम और विभिन्न गुणों को दर्शाते हैं। ये रूप केवल युद्ध के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि ये स्त्री शक्ति और जीवन के विभिन्न चरणों को भी दर्शाते हैं।ALSO READ: Navratri Story 2025: नवरात्रि पर्व की कहानी
 
नवदुर्गा के 9 रूपों का महत्व और रहस्य
1. शैलपुत्री (Shailputri): यह देवी का पहला रूप है, जो पहाड़ों की पुत्री कहलाती हैं। इनकी पूजा जीवन में स्थिरता, दृढ़ता और शक्ति लाती है।
- महत्व: यह आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत है, जहां मन और शरीर को साधना के लिए तैयार किया जाता है।
 
2. ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini): यह देवी का तपस्या और त्याग का रूप है। इनकी पूजा से संयम और पवित्रता का आशीर्वाद मिलता है।
- महत्व: यह तप और साधना के माध्यम से आत्म-नियंत्रण और ज्ञान प्राप्त करने का प्रतीक है।
 
3. चंद्रघंटा (Chandraghanta): यह देवी का वह रूप है जो दुष्टों का नाश कर शांति स्थापित करता है। इनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होता है।
- महत्व: यह जीवन से भय को दूर कर साहस और निडरता प्रदान करता है।
 
4. कूष्मांडा (Kushmanda): यह देवी का ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाला रूप है। इनकी पूजा से आरोग्य और बुद्धि प्राप्त होती है।
- महत्व: यह ब्रह्मांड में मौजूद ऊर्जा और रचनात्मकता को दर्शाता है।
 
5. स्कंदमाता (Skandmata): यह देवी का मातृत्व और ममता का रूप है, जो अपने पुत्र कार्तिकेय (स्कंद) को गोद में लिए हुए हैं।
- महत्व: यह भक्तों के लिए ममता और सुरक्षा का भाव जगाता है।
 
6. कात्यायनी (Katyayani): यह देवी का वह रूप है जिसने महिषासुर का वध किया था। इनकी पूजा से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- महत्व: यह नारी शक्ति के पराक्रम और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।ALSO READ: Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि के 9 दिन क्या करें और क्या न करें?
 
7. कालरात्रि (Kalratri): यह देवी का सबसे विकराल रूप है, जो अंधकार और अज्ञान का नाश करता है।
- महत्व: यह मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है और भक्तों को साहस प्रदान करता है।
 
8. महागौरी (Mahagauri): यह देवी का पवित्र और शुद्ध रूप है। इनकी पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है और मन शुद्ध होता है।
- महत्व: यह शांति, पवित्रता और क्षमा का प्रतीक है।
 
9. सिद्धिदात्री (Siddhidatri): यह देवी का अंतिम रूप है, जो सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं।
- महत्व: यह नवरात्रि की यात्रा का अंतिम पड़ाव है, जहां साधक को सभी प्रकार के ज्ञान और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
 
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