नवदुर्गा की प्रथम देवी मां शैलपुत्री को कैसे प्रसन्न करें आइए जानें उनकी पूजन की सरल और प्रामाणिक विधि-
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* श्वेत वस्त्र व श्वेत पुष्प अर्पित करें।
* कंद मूल व ऋतु फल का भोग लगाएं।
* मध्यान्ह में 11.40 से 12.45 तक के विशेष मुहूर्त में पूजन करें।
* ॐ शैल पुत्रैय नमः एकाक्षरी बीज मंत्र का जाप करें।
* सप्तशती का अचूक मंत्र
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थ साधिके।
मम सिद्घिमसिद्घिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शय॥
* साधना के समय साधक को साज, श्रृंगार और कामुक विचारों से अलग रहना चाहिए।
* मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल तथा कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक को मूलाधार चक्र जाग्रत होने से प्राप्त होने वाली सिद्घियां हासिल होती हैं।