कांवड़ यात्रा: संकल्प और समर्पण का प्रतीक
कांवड़ यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक कठिन तपस्या है, जिसमें भक्त अपनी शारीरिक और मानसिक सीमाओं को पार करते हुए भगवान शिव के प्रति अपना समर्पण व्यक्त करते हैं। यह यात्रा अक्सर किसी विशेष इच्छा या मन्नत के साथ शुरू की जाती है, जैसे संतान प्राप्ति, स्वास्थ्य लाभ, नौकरी या व्यवसाय में सफलता, या परिवार की खुशहाली। भक्त भोलेनाथ से प्रार्थना करते हैं और मन्नत पूरी होने पर कांवड़ यात्रा करने का संकल्प लेते हैं।