सुख-समृद्धि पाने के नवरात्रि के विशेष 7 मंत्र

प्रकृति ने मनुष्य की समस्याओं के निवारण के लिए कई शुभ मुहूर्तों की रचना की है जिनमें मुख्य न‍वरा‍त्रि है। 9 दिवसीय पर्व पर हम मंत्र शक्ति से नाना प्रकार की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। ये निम्नलिखित हैं-


 
(1) समस्त कामनाएं तथा मोक्ष प्राप्त करने हेतु नवार्ण मंत्र का जप कर सकते हैं, यथा 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' नित्य करें। सवा लाख जप शुभ रहेंगे।
 
 

 
 
 


 


(2)  कर्ज मुक्ति, धन-जन की हानि के भय निवारण के लिए 'दुर्गे-दुर्गे रक्षिणि स्वाहा' 4 लाख जप करें। नित्य करने से अत्यंत लाभ होगा। 9 माला न्यूनतम करें।
 

 


 


(3) प्राण भय होने पर 'दुर्गे रक्षिणि रक्षिणि स्वाहा' जपें। 
 
 


 


(4) जिन व्यक्तियों का व्यवसाय-व्यापार ठप पड़ गया हो, नहीं चल रहा हो, वे यह मंत्र जपें-
 
'ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौं जगत्प्रसूत्यै नम:।।
 
माला स्फटिक की उपयोग करें।
 
 


 


(5) धन प्राप्ति में बाधा आने पर, रोजी-रोजगार में तरक्की न होने पर, व्यय वृद्धि होने पर निम्न जप करने से लाभ होगा
 
मंत्र- 'ॐ श्रीं नम:'। 
 
 


 


(6) जिन व्यक्तियों की स्मरण शक्ति कम होने लगे, पढ़ने-लिखने में ध्यान न लगे, वे निम्न मंत्र का जाप करें। निश्चित लाभ होगा।
 
मंत्र- 'ॐ ऐं नम:'।
 
 


 


(7) जिन व्यक्तियों के शत्रु बढ़ गए हों, शत्रु परेशान करते हों, मुकदमेबाजी में फंसे हो, वे निम्न मंत्र का जप करें।
 
मंत्र- 'ॐ क्लीं नम:'।

जप करने के लिए पूर्वाभिमुख हो लाल आसन, स्फटिक माला, रुद्राक्ष माला तथा देवी का कोई चित्र, यंत्र, मूर्ति सामने रखकर पंचोपचार, षोडषोपचार कर आरती करें। जप करते समय हमारे आर्त भाव से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। जप पूर्ण होने पर देवी के बाएं हाथ में जप समर्पण करें। 
 

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