* यही कारण है कि सभी 52 शक्तिपीठों में आदिशक्ति का मूर्ति स्वरूप नहीं है, इन पीठों में पींडियों की आराधना की जाती है। साथ ही सभी पीठों में शिव रूद्र भैरव के रूपों की भी पूजा होती है। इन पीठों में कुछ तंत्र साधना के मुख्य केंद्र हैं।
* बांग्लादेश में सुगंधा, करतोयाघाट, चट्टल और यशोरेश्वरी शक्तिपीठ हैं। इनमें करतोयाघाट प्रमुख पीठ मानी गई है।