मां ने समय-समय पर अपने भक्तों व देवताओं की रक्षा के लिए अलग-अलग अवतार रखकर रक्षा की है। मां ने अनेक रूपों में अलग-अलग विधाओं की भी शिक्षा दी है। मां के सिर्फ 9 रूप ही नहीं हैं, अनेक रूप धारण कर मां ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। साथ ही नारी शक्ति को यह संदेश दिया कि नारी समय आने पर अपने अंदर की समाई हुई शक्ति को जाग्रत कर अपनी, संतान व जगत की रक्षा कर सकती है। अपनी इच्छा अनुसार या अपने कार्य अनुसार मां की आराधना करें....
जाने किस बात के लिए कौन सी मां का स्मरण करें?
जब बात त्याग की हो तो मां सीता,
जब बात प्रेम की हो तो मां राधा,
जब बात आवश्यक क्रोध की हो तो मां चंडी,
जब बात संगीत की हो तो मां सरस्वती,
जब बात वैभव की हो तो मां लक्ष्मी,
जब बात साहस की हो तो मां दुर्गा,
जब बात पतिव्रत धर्म की हो तो मां सती,
जब बात पुत्र-प्रेम की हो तो मां पार्वती,
जब बात विनाश की हो तो मां काली,
जब बात निर्माण की हो तो महागौरी।