4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह 'कूष्मांडा' स्वरूप में है।
5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री 'स्कन्दमाता' हो जाती है।
6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री 'कात्यायनी' रूप है।
7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह 'कालरात्रि' जैसी है।