1. नौ तरह के भोग : माता दुर्गा को आप नो तरह के भोग लगाएं- 1.खीर, 2.मालपुए, 3.मीठा हलुआ, 4.पूरणपोळी, 5.केले, 6.नारियल, 7.मिष्ठान्न, 8.घेवर 9.घी और शहद के सात तिल और गुड़ अर्पित करें।
2. नौ गलतियां ना करें : 1.दाढ़ी, नाखून, बाल ना कटवाएं, 2. पूजा-पाठ में गलतियां करें, 3. मांस, मदिरा-पान का सेवन ना करें, 4.ब्रह्मचर्य को ना तोड़े, 5.अपशब्द का प्रयोग ना करें, 6. शरीर और घर को गंदा ना रखें, 7. दिन में शयन ना करें, 8. खाने में अनाज और नमक का सेवन ना करें, 9. व्रत के नियम को ना तोड़ें।
3. माता की पूजा के लिए : 1.चंडीपाठ, 2.दुर्गा सप्तशती, 3.दुर्गा मंत्र, 4. दुर्गा चालीसा, 5. दुर्गा साबर मंत्र, 6. दुर्गा आरती, 7.दुर्गा स्तुति ध्यान, 8.दुर्गा कवच पाठ, 9. नवरात्रि के मंत्र आदि में से किसी एक का पाठ या जप करें।
4. नौ तरह की डाइट : 1. दिन की शुरुआत गुनगुने पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, मिल्क शेक या ग्रीन टी से करे, 2. इसके बाद ब्रेकफास्ट में आप फल, ड्राई फ्रूट और किशमिश या मुनक्का का सेवन कर सकते हैं। 3. लंच के समय साबूदाने या मोरधन की खिचड़ी का सेवन करें जिसमें आलू मिले हों। पेटभर का खिचड़ी ना खाएं। 4. लंच के दौरान कुछ लोग राजगिरे, कद्दू या सिंघाड़े का आटे की रोटी बनाकर आलू या भींडी की सब्जी से खाते हैं। पेटभर ना खाएं।
5. लंच के बाद एक गिलास छाछ ले सकते हैं। अगर आपको लो बीपी की समस्या है तो उसमें सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं। 6. लंच के बाद यदि चार या पांच बजे के आसपास आप दही खा सकते हैं। 7. शाम को दही नहीं तो स्नैक्स के रूप में आलू की चिप्स का उपयोग कर सकते हैं। 8. यदि आप डिनर में फिर से खिचड़ी खाना पसंद नहीं करते हैं तो डिनर के समय चकूंदर या अनार के रस का सेवन करें यह बहुत ही फायदेमंद रहेगा। 9. सोने से पहले एक गिलास हल्का गुनगुना दूध पीना अच्छा रहेगा।