मां दुर्गा की छठवीं शक्ति हैं मां कात्यायनी। नवरात्रि में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा (Goddess Katyayani Story) की जाती है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। उसके रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस देवी को नवरात्रि में छठे दिन पूजा जाता है।
इनकी चार भुजाएं हैं। दाईं तरफ का ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में। मां के बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है व नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। इनका वाहन भी सिंह है। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। भक्तों के रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस देवी की उपासना करने से परम पद की प्राप्ति होती है।