Chaitra navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में देवी को अर्पित करें ये खास तरह के 5 फूल, माता होंगी प्रसन्न

WD Feature Desk
शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024 (14:52 IST)
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि चल रही है। इस नवरात्रि में आप माता दुर्गा का मनपसंद भोग लगाते हैं तो उनकी पसंद के फूल भी अर्पित करें। इस वर्ष 9 अप्रैल 2024 मंगलवार से नवरात्रि प्रारंभ होकर 17 अप्रैल को समाप्त होगी। नौदुर्गा में प्रत्येक माता का फूल भी अलग अलग होता है परंतु 5 फूल ऐसे हैं जिन्हें सभी माताओं को अर्पित कर सकते हैं।
ALSO READ: chaitra navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में अष्टमी पर करें ये एकमात्र पूजा, नवमी की माता भी हो जाएंगी प्रसन्न
1. गुड़हल : यह फूल माता रानी को सबसे प्रिय है। इसे सभी माताओं को अर्पित किया जा सकता है।  
 
2. सेवंती : यह भी भी बहुत सुंदर होता है जो सभी माताओं को अर्पित किया जा सकता है।
 
3. चंपा : चंपा के फूल भी मता रानी को अति प्रिय है। इसे भी सभी देवियों को अर्पित कर सकते हैं। 
 
4. कमल : कमल का फूल मां सरस्वती, लक्ष्मी और माता पार्वती तीनों को ही प्रिय है।
 
5. अपामार्ग : यह फूल बहुत कम पाया जाता है। माता को इसके फूल भी पसंद हैं।
 
इसके अलावा : पलाश, तगर, अशोक, चंपा, मौलसिरी, कुंद, लोध, कनेर, शीशम और अपराजित (शंखपुष्पी) आदि के फूलों से देवी की भी पूजा की जाती है। इन फूलों में आक और मदार इन दो फूलों का निषेध भी मिलता है। शमी, अशोक, कर्णिकार (‍कनियार या अमलतास), गूमा, दोपहरिया, अगत्स्य, मदन, सिंदुवार, शल्लकी, माधवी आदि लताएं, कुश की मंजरियां, बिल्वपत्र, केवड़ा, कदंब, भटकटैया, कमल ये फूल भगवती, मां नवदुर्गा को प्रिय हैं।
 
आक, मदार, दुर्वा, तिलक, मालती, तुलसी, भंगरैया और तमाल विहित एवं प्रतिषिद्ध हैं और निषिद्ध भी हैं। विहित-‍प्रतिषिद्ध के संबंध में तत्वसागरसंहिता का कथन है कि जब शास्त्रों से विहित फूल न मिल पाएं तो विहित-प्रतिषिद्ध फूलों से पूजा कर लेना चाहिए।
flowers
ALSO READ: चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर करें 8 खास उपाय, सभी संकटों से बच जाएंगे
1. पहली दिन की देवी शैलपुत्री- प्रिय पुष्प गुड़हल, नैवेद्य- शुद्ध घी
 
2. दूसरे दिन की देवी ब्रह्मचारिणी- प्रिय पुष्प सेवंती/ गुलदाउदी, नैवेद्य- शक्कर, मिश्री
 
3. तीसरे दिन की देवी चंद्रघंटा- प्रिय पुष्प कमल- नैवेद्य- दूध, दूध की मिठाई
 
4. चौथे दिन की देवी कूष्मांडा- प्रिय पुष्प चमेली- नैवेद्य- मालपुआ 
 
5. पांचवें दिन की देवी स्कंदमाता- प्रिय पुष्प पीले फूल, नैवेद्य- केला
 
6. छठे दिन की देवी कात्यायनी- प्रिय पुष्प गेंदा, नैवेद्य- शहद
 
7. सातवें दिन की देवी कालरात्रि- प्रिय पुष्प कृष्ण-कमल, भोग- गुड़
 
8. आठवें दिन की देवी महागौरी- प्रिय पुष्प चमेली, बेला, नैवेद्य- नारियल 
 
9. नौवें दिन की देवी सिद्धिदात्री- प्रिय पुष्प चंपा, भोग- तिल
ALSO READ: Chaitra Navratri Wishes: चैत्र नवरात्रि पर अपनों के साथ शेयर करें ये 8 बेहतरीन संदेश

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख