वृषभ स्थिता माता शैलपुत्री खड्ग, चक्र, गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, भुशुंडि, कपाल तथा शंख को धारण करने वाली संपूर्ण आभूषणों से विभूषित नीलमणि के समान कांति युक्त, दस मुख व दस चरण वाली है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल तथा बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है।
महाकाली की आराधना करने से साधक को कुसंस्कारों, दुर्वासनाओं तथा असुरी वृत्तियों के साथ संग्कर उन्हें खत्म करने का सामर्थ्य प्राप्त होता है। ये देवी शक्ति, आधार एवं स्थिरता की प्रतीक है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त मंत्र का नित्य एक माला जाप करने पर सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इस देवी की उपासना जीवन में स्थिरता देती है।
आज मां को चढ़ाएं ये प्रसाद
मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्ति हेतु सभी तरीकों से माता की पूजा के बाद नियमानुसार प्रतिपदा तिथि को नैवेद्य के रूप में गाय का घी मां को अर्पित करना चाहिए और फिर वह घी ब्राह्मण को दे देना चाहिए।