Gupta Navratri :माघ गुप्त नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त और विधि

WD Feature Desk
Gupt Navratri 2024: 10 फरवरी 2024 शनिवार से माघ माह की नवरात्रि प्रारंभ हो रही है जिसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या देवियों में से किसी एक महाविद्या देवी की पूजा करते हैं। घटस्थापना मुहूर्त का मुहूर्त सुबह 08:50 से 10:20 के बीच है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना कर सकते हैं।
ALSO READ: गुप्त नवरात्रि में करें मां बगलामुखी की इस तरह से साधना, जानें गुप्त मंत्र
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 10 फरवरी 2024 शनिवार को 04:28am से प्रारंभ।
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 11 फरवरी 2024 रविवार को 12:47am तक।
 
माघ गुप्त नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त- Magh Gupta Navratri Ghatasthapana Muhurat:-
शुभ मुहूर्त : सुबह 08:50 से 10:20 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:18 से 01:04 तक।
कैसे करें घट स्थापना | Ghatasthapana kaise kare
- घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है।
- घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें। 
- फिर एक परत मिट्टी की बिछा दें। 
- एक बार फिर जौ डालें। 
- फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। 
- अब इस पर जल का छिड़काव करें। 
- इस तरह उपर तक पात्र को मिट्टी से भर दें। 
- अब इस पात्र को स्थापित करके पूजन करें।
- जहां घट स्थापित करना है वहां एक पाट रखें और उस पर साफ लाल कपड़ा बिछाकर फिर उस पर घट स्थापित करें। 
- घट पर रोली या चंदन से स्वास्तिक बनाएं। 
- घट के गले में मौली बांधे।
ALSO READ: गुप्त नवरात्रि की 10 महाविद्याओं के 10 मंत्र, तुरंत होते हैं सिद्ध
कलश स्थापना पूजा विधि | Kalash Sthapana Puja Vidhi
- एक तांबे के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर नाड़ा बांधकर उसे उस मिट्टी के पात्र अर्थात घट के उपर रखें। 
- अब कलश के ऊपर पत्ते रखें, पत्तों के बीच में नाड़ा बंधा हुआ नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखें।
- अब घट और कलश की पूजा करें। फल, मिठाई, प्रसाद आदि घट के आसपास रखें। 
- इसके बाद गणेश वंदना करें और फिर देवी का आह्वान करें।
- अब देवी- देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करें कि 'हे समस्त देवी-देवता, आप सभी 9 दिन के लिए कृपया कलश में विराजमान हों।'
- आह्वान करने के बाद ये मानते हुए कि सभी देवतागण कलश में विराजमान हैं, कलश की पूजा करें। 
- कलश को टीका करें, अक्षत चढ़ाएं, फूल माला अर्पित करें, इत्र अर्पित करें।
- नैवेद्य यानी फल-मिठाई आदि अर्पित करें।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख