पहले करें पूजा : पहले मां को लाल गुड़हल फूल की माला चढ़ाएं। एक लौंग की माला भी चढ़ाएं। फिर धूप दीप जलाकर इनपर लाल फूल, लाल सिंदूर चढ़ाकर पूजा करें और फिर आरती करें। फिर माता सिद्धिदात्री को खास भोग लगाएं। जैसे खीर, चावल और मूंग दाल की खिचड़ी का भोग। खिचड़ी में गाजर, पालक, मूली, गोभी और आलू भी डालें।
हवन करें : पुरोहित के सानिध्य में हवन करें। हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित करने के पश्चात पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है। नवरात्र के आखिरी दिन हवन करने से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में धन व सम्मान का आगमन होता है। हवन करके पूड़ी हलवे का भोग लगाएं और लोगों को बांटें। हवन के धुएं से अला-बला उड़ जाती हैं। नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।